व्हाइट हाउस
अक्टूबर 10, 2023

राजकीय भोजन कक्ष
अपराह्न 2:28 ईडीटी

राष्ट्रपति: नमस्कार।

देखिए, जीवन में ऐसे क्षण आते हैं – और मैं अक्षरश: कह रहा हूं – जब दुनिया पर शुद्ध, विशुद्ध बुराई थोपी जाती है।

इज़रायल के लोगों को गत सप्ताहांत ऐसे ही क्षण का सामना करना पड़ा। आतंकवादी संगठन हमास के खूनी हाथों के ज़रिए – एक ऐसा संगठन जिसका घोषित उद्देश्य है यहूदियों को मारना।

यह बिल्कुल बर्बर कार्रवाई थी।

इज़रायल में 1,000 से अधिक लोगों का क़त्ल कर दिया गया – उन्हें महज मारा नहीं गया, उनका क़त्ल किया गया। उनमें कम से कम 14 अमेरिकी नागरिक शामिल हैं।

शरीर का ढाल बना अपने बच्चों की सुरक्षा करते मां-बाप का क़त्ल किया गया।

शिशुओं को मारे जाने की हृदयविदारक खबरें आई हैं।

पूरे के पूरे परिवार को मार डाला गया है।

युवाओं का जनसंहार किया गया, जो शांति का उत्सव मनाने के लिए एक संगीत समारोह में शामिल थे।

महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया, उनको मारा-पीटा गया, उन्हें ट्रॉफ़ियों की तरह घुमाया गया।

परिवार डर के मारे घंटों तक छुपे रहे, अपने बच्चों को चुप रखने की कोशिश करते हुए, ताकि हमलावरों का ध्यान आकर्षित नहीं हो।

और हज़ारों घायल लोग, जो ज़िंदा तो बच गए लेकिन गोलियों और छर्रों के घावों तथा पीड़ादायक अनुभवों की स्मृतियों के साथ।

आप सभी जानते हैं कि ऐसे आघात कभी पीछा नहीं छोड़ते।

अभी भी ऐसे बहुत से परिवार हैं जो अपने प्रियजनों की नियति के बारे में जानने के लिए बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं, उन्हें नहीं पता कि वे जीवित हैं या मारे जा चुके हैं या बंधक बनाए गए हैं।

मां की गोद से चिपके शिशुओं, व्हीलचेयर पर बैठे बुज़ुर्गों, और होलोकॉस्ट से बचे लोगों का अपहरण किया गया और उन्हें बंधक बना लिया गया है। और, अब हमास ने सारी मानवीय नैतिकता को ताक पर रखते हुए उन बंधकों को जान से मारने की धमकी दी है।

ये घिनौना कृत्य है।

हमास की क्रूरता – उसकी रक्तपिपासा – आइसिस के भयानकतम कृत्यों की याद दिलाती है।

ये आतंकवाद है।

लेकिन दुख की बात है कि यहूदी लोगों के लिए ये कोई नई बात नहीं है।

इस हमले ने हज़ारों सालों से जारी यहूदी-विरोध और यहूदियों के जनसंहार की दर्दनाक यादों और घावों को ताज़ा कर दिया है।

इसलिए, इस क्षण में, हमें बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहेंगे: हम इज़रायल के साथ हैं। हम इज़रायल के साथ खड़े हैं। और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इज़रायल के पास अपने नागरिकों की देखभाल करने, अपनी रक्षा करने और इस हमले का जवाब देने के लिए सारे ज़रूरी संसाधन मौजूद हों।

आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं है। इसकी कोई वजह नहीं हो सकती।

हमास का फ़लस्तीनियों के सम्मान और आत्मनिर्णय के समान अधिकार के मुद्दे से कोई वास्ता नहीं है। इसका घोषित उद्देश्य है इज़रायल राष्ट्र का विनाश और यहूदियों की हत्या।

वो आम फ़लस्तीनियों को मानव ढाल बनाता है।

हमास आतंक एवं रक्तपात के अलावा कुछ भी नहीं जानता, इसकी परवाह किए बिना कि इसकी क़ीमत किसे चुकानी पड़ती है।

निर्दोष ज़िंदगियों को छीना जाना हृदयविदारक है।

दुनिया के हर देश की तरह, इज़रायल को भी इन क्रूर हमलों का जवाब देने का अधिकार है – वास्तव में जवाब देना उसका कर्तव्य है।

मैंने अभी-अभी प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ फ़ोन पर तीसरी बार बात की है। और मैंने उनसे कहा कि यदि अमेरिका को उस स्थिति से गुजरना पड़ता जो इज़रायल अनुभव कर रहा है, तो हमारी प्रतिक्रिया त्वरित, निर्णायक और ज़बरदस्त होती।

हमने इस बात पर भी चर्चा की कि कैसे हमारे क़ानून के शासन के अनुरूप कार्य करने पर इज़रायल और अमेरिका जैसे लोकतंत्र अधिक मज़बूत और अधिक सुरक्षित होते हैं।

आतंकवादी जानबूझकर आम लोगों को निशाना बनाते हैं, उन्हें मारते हैं। हम युद्ध के नियमों का पालन करते हैं। यह मायने रखता है। दोनों में ये अंतर है।

आज, देश भर के अमेरिकी उन सभी परिवारों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं जो बिखर गए हैं। हममें से बहुत से लोगों को इस अहसास का अनुभव है। जब आप परिवार को खोते हैं तो आपके सीने में एक बड़ा सुराख बन जाता है, आपको उसमें खिंचे जाने का अहसास होता है। आप क्रोध, पीड़ा, निराशा की भावना में डूब जाते हैं।

“मानवीय त्रासदी” का यही मतलब होता है – भयावह पैमाने पर अत्याचार।

लेकिन हम निरंतर एकजुट रहेंगे, इज़रायल के लोगों का समर्थन करते रहेंगे जो अकथनीय क्षति का सामना कर रहे हैं, और आतंकवाद की नफ़रत एवं हिंसा का विरोध कर रहे हैं।

मेरी टीम इस संकट की शुरुआत के समय से ही हमारे इज़रायली साझेदारों और पूरे क्षेत्र और विश्व के साझेदारों के साथ लगातार संपर्क में है।

हम आयरन डोम तंत्र के दागे जा चुके गोला-बारूद और इंटरसेप्टर मिसाइलों की भरपाई करने सहित बड़ी मात्रा में अतिरिक्त सैन्य सहायता दे रहे हैं।

हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इज़रायल के पास अपने शहरों और अपने नागरिकों की रक्षा के लिए इन अहम संसाधनों की कमी न हो।

मेरा प्रशासन इस संकट के दौरान निरंतर अमेरिकी संसद के साथ निकट संपर्क में रहा है। और जब संसद की दोबारा बैठक होगी, तो हम उनसे हमारे अहम साझेदारों की राष्ट्रीय सुरक्षा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह करेंगे।

यह पार्टीगत या राजनीति का मामला नहीं है। यह हमारी दुनिया की सुरक्षा, अमेरिका की सुरक्षा की बात है।

अब हमें इस बात की जानकारी है कि हमास द्वारा पकड़े गए लोगों में अमेरिकी नागरिक भी शामिल हैं।

मैंने अपनी टीम को खुफ़िया सूचनाएं साझा करने, तथा बंधकों की बरामदगी के प्रयासों पर इज़रायली समकक्षों के साथ परामर्श करने और उन्हें सलाह देने के लिए अमेरिकी सरकार के विभिन्न विभागों से अतिरिक्त विशेषज्ञों की तैनाती के निर्देश दिए हैं, क्योंकि राष्ट्रपति के रूप में मेरे लिए दुनिया भर में बंधक बनाए गए अमेरिकियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने से बड़ी कोई प्राथमिकता नहीं है।

अमेरिका ने अपनी निवारक क्षमता को मज़बूत करने के लिए क्षेत्र में अपनी आक्रामक सैन्य तैनाती को भी बढ़ाया है।

रक्षा विभाग ने यूएसएस जेरल्ड आर फ़ोर्ड कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को पूर्वी भूमध्यसागर में तैनात किया है और हमारे लड़ाकू विमान की उपस्थिति को बढ़ाया है। और हम आवश्यकतानुसार अतिरिक्त सैन्य तैनाती के लिए तैयार हैं।

मैं फिर से कहना चाहता हूं – किसी भी देश, किसी भी संगठन, किसी भी व्यक्ति से, जो इस स्थिति का फ़ायदा उठाने की सोच रहा है, मैं एक ही बात कहूंगा: नहीं। ऐसा न करना।

हमारे दिल टूटे हो सकते हैं, लेकिन हमारा संकल्प स्पष्ट है।

अपने यूरोपीय सहयोगियों के साथ नवीनतम घटनाक्रम पर चर्चा करने और अपनी एकजुट प्रतिक्रिया का समन्वय करने के लिए कल मेरी फ्रांस, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन के नेताओं से भी बात हुई।

यह पूरे क्षेत्र में साझेदारों के साथ कई दिनों से जारी निरंतर विमर्श की कड़ी में किया गया प्रयास है।

हम स्वदेश में भी कदम उठा रहे हैं। पूरे अमेरिका के नगरों में, पुलिस ने यहूदी समुदाय के केंद्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है।

और होमलैंड सिक्योरिटी विभाग एवं संघीय जांच ब्यूरो इन भयानक हमलों से जुड़े किसी भी तरह के घरेलू खतरे को भांपने और उसे बाधित करने के लिए प्रांतीय और स्थानीय स्तरों पर क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों और यहूदी समुदाय के साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

यह अमेरिका के लिए परस्पर साथ आने और शोकाकुल लोगों के दुख में शामिल होने का क्षण है।

हम बिल्कुल स्पष्ट करना चाहेंगे: अमेरिका में नफ़रत के लिए कोई जगह नहीं है। न यहूदियों के खिलाफ़। न मुसलमानों के खिलाफ़। बस हम आतंकवाद को अस्वीकार करते हैं। हम बेलगाम बर्बरता करने वालों की निंदा करते हैं, जैसा कि हमने हमेशा किया है।

अमेरिका का रुख़ यही रहा है।

आप जानते हैं, कि लगभग 50 वर्ष पहले – मैं आज सुबह इस बारे में सोच रहा था, अपने कार्यालय में विदेश मंत्री और उपराष्ट्रपति के साथ बातचीत करते हुए – करीब 50 वर्ष पहले, एक युवा सीनेटर के रूप में, एक नवनिर्वाचित सीनेटर के रूप में, मैंने पहली बार इज़रायल का दौरा किया था।

और योम किप्पर युद्ध से ठीक पहले मेरी गोल्डा मेयर के साथ उनके कार्यालय में एक लंबी मुलाक़ात हुई थी। और मुझे लगता है कि वो मेरे चेहरे पर घबराहट देख सकती थीं जब वो बता रही थीं कि उन्हें किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।

हम तस्वीरें खिंचाने के लिए उनके कार्यालय से बाहर प्रवेक्षकक्ष वाले हिस्से में गए थे। दरअसल उन्होंने मेरी ओर देखा और अचानक बोलीं, “क्या आप एक तस्वीर खिंचाना चाहेंगे?” और इसलिए, मैं उठा और उनके पीछे-पीछे बाहर आ गया।

हम वहां चुपचाप खड़े थे और पत्रकारों को देख रहे थे। मैं समझता हूं, वह देख सकती थीं कि मैं चिंतित था। वह मेरी ओर झुकीं और फुसफुसाकर मुझसे कहा, “चिंता मत करो, सीनेटर बाइडेन। इज़रायल में हमारे पास एक गुप्त हथियार है” – मेरी मानें यही शब्द थे उनके – “हमारे पास जाने के लिए और कोई जगह नहीं है।”

इज़रायल 75 वर्षों से, दुनिया भर में यहूदी लोगों की सुरक्षा के अंतिम गारंटीदाता के रूप में खड़ा है ताकि अतीत में हुए अत्याचार फिर कभी नहीं हो सकें।

और इस बात पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए: इज़रायल को अमेरिका का सतत समर्थन प्राप्त है।

हम यह सुनिश्चित करेंगे, जैसा कि हमने हमेशा किया है, कि इज़रायल का यहूदी और लोकतांत्रिक राष्ट्र वर्तमान में और भविष्य में अपनी रक्षा कर सके। यह बिल्कुल स्पष्ट बात है।

ये अत्याचार वीभत्स हैं।

हम इज़रायल के साथ हैं। इस पर किसी को कोई संदेह नहीं रहे।

धन्यवाद।

अपराह्न 2:34 ईडीटी


मूल स्रोत: https://www.whitehouse.gov/briefing-room/speeches-remarks/2023/10/10/remarks-by-president-biden-on-the-terrorist-attacks-in-israel-2/

अस्वीकरण: यह अनुवाद शिष्टाचार के रूप में प्रदान किया गया है और केवल मूल अंग्रेज़ी स्रोत को ही आधिकारिक माना जाना चाहिए।

U.S. Department of State

The Lessons of 1989: Freedom and Our Future