व्हाइट हाउस
फरवरी 16, 2024
होटल बायरिशर होफ़
म्यूनिख, जर्मनी
2:38 अपराह्न सीईएसटी

उपराष्ट्रपति हैरिस: नमस्कार। नमस्कार। (तालियां।) धन्यवाद, धन्यवाद।

धन्यवाद, क्रिस्टोफ़। धन्यवाद। आपके नेतृत्व के लिए धन्यवाद।

इससे पहले कि मैं आज शुरुआत करूं, हम सभी को अभी-अभी रिपोर्ट मिली है कि अलेक्सी नवाल्नी की रूस में मौत हो गई है। निसंदेह, यह बहुत बुरी खबर है, हम इसकी पुष्टि की कोशिश कर रहे हैं।

मेरी प्रार्थनाएं उनके परिवार के साथ हैं, जिनमें उनकी पत्नी यूलिया भी शामिल हैं, जो आज हमारे साथ हैं।

और अगर इसकी पुष्टि होती है तो यह पुतिन की क्रूरता का एक और सबूत होगा। वे जो भी कारण बताएं, हमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए: इसके लिए रूस ज़िम्मेदार है।

और बाद में हम इस पर और प्रतिक्रिया देंगे।

जैसा कि क्रिस्टोफ़ ने कहा, मैं यहां तीसरी बार आई हूं, और इतने सारे दोस्तों के बीच आकर मैं सम्मानित महसूस कर रही हूं।

इस वर्ष, हम मध्य पूर्व में बढ़ी अस्थिरता और संघर्ष के बीच यहां एकत्रित हुए हैं। हम यूक्रेन में जारी रूसी आक्रामकता, अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को नया आकार देने के चीन के प्रयासों, परिवर्तनकारी तकनीकी प्रगतियों और, बेशक, जलवायु संकट के अस्तित्वगत खतरे के बीच इकट्ठे हुए हैं।

इस संदर्भ में, मैं जानती हूं कि वैश्विक नेतृत्व में अमेरिका की भूमिका के भविष्य को लेकर यहां यूरोप और दुनिया भर में सवाल उठाए जा रहे हैं।

ये ऐसे सवाल हैं जो अमेरिकी लोगों को खुद से भी पूछने चाहिए: दुनिया के साथ जुड़ाव जारी रखना अमेरिका के हित में है या अपने भीतर सिमटना। अभूतपूर्व शांति और समृद्धि प्रदान करने वाले दीर्घकालिक नियमों और मानदंडों की रक्षा करना हमारे हित में है या उन्हें कुचलने की अनुमति देना। लोकतंत्र के लिए लड़ना अमेरिका के हित में है या तानाशाहों के उदय को स्वीकार करना। और, अपने सहयोगी देशों एवं साझेदारों के साथ समन्वय में मिलकर काम करते रहना अमेरिका के हित में है या अकेले चलना।

आज, मैं बताऊंगी कि इन सवालों पर राष्ट्रपति बाइडेन और मेरे क्या जवाब हैं, इस बात को पूरी तरह समझते हुए कि अमेरिका कैसे प्रतिक्रिया देता है, इसका असर अमेरिकी लोगों, और यूरोप के लोगों के साथ-साथ दुनिया भर के लोगों पर होगा।

मेरा मानना है कि अमेरिका का वैश्विक नेतृत्व की अपनी दीर्घकालिक भूमिका को निभाना अमेरिकी लोगों के बुनियादी हित में है।

जैसा कि राष्ट्रपति बाइडेन और मैंने पिछले तीन वर्षों में स्पष्ट किया है, हम वैश्विक जुड़ाव को आगे बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानदंडों को क़ायम रखने, देश और विदेश में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने और साझा उद्देश्यों के वास्ते अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अपने देश और दुनिया भर में यात्रा करते हुए, यह बात मेरे लिए स्पष्ट है: यह दृष्टिकोण अमेरिका को मज़बूत बनाता है, और यह अमेरिकियों को सुरक्षित रखता है।

हालांकि, अमेरिका में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इससे असहमत हैं। उनकी समझ से हमारा खुद को दुनिया से अलग कर लेना, राष्ट्रों के बीच बनी आम समझ की अवहेलना करना, तानाशाहों को गले लगाना और उनकी दमनकारी नीतियों को अपनाना, तथा एकतरफा कार्रवाई के पक्ष में अपने सहयोगियों के प्रति प्रतिबद्धताओं से विमुख होना अमेरिकी लोगों के सर्वोत्तम हित में है।

मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं: इस तरह का वैश्विक दृष्टिकोण खतरनाक, अस्थिरताकारी और वास्तव में अदूरदर्शी है। ऐसा दृष्टिकोण अमेरिका को कमज़ोर करेगा, वैश्विक स्थिरता को कमज़ोर करेगा और वैश्विक समृद्धि को कमज़ोर करेगा।

इसलिए, राष्ट्रपति बाइडेन और मैं ऐसे दृष्टिकोण को अस्वीकार करते हैं।

और कृपया इस बात को समझें, हमारा दृष्टिकोण कोई परोपकार की मंशा पर आधारित नहीं है। हम अपना दृष्टिकोण इसलिए अपना रहे हैं क्योंकि यह हमारे रणनीतिक हित में है।

मेरा दृढ़ विश्वास है कि अमेरिका के वैश्विक नेतृत्व से अमेरिकी लोगों को प्रत्यक्ष लाभ मिलता है। हमारी नेतृत्वकारी भूमिका हमारी मातृभूमि को सुरक्षित रखती है, अमेरिकी नौकरियों का समर्थन करती है, सप्लाई चेन की रक्षा करती है और अमेरिकी वस्तुओं के लिए नए बाज़ार खोलती है।

और मेरा दृढ़ विश्वास है कि गठबंधन बनाने और उन्हें क़ायम रखने की हमारी प्रतिबद्धता अमेरिका को दुनिया में सबसे शक्तिशाली और समृद्ध देश बनाने में मददगार रही है – ऐसे गठबंधन जिन्होंने युद्धों को रोका है, स्वतंत्रता की रक्षा की है और यूरोप से लेकर हिंद-प्रशांत तक स्थिरता बनाए रखी है। इन सारी चीज़ों को खतरे में डालना मूर्खता होगी।

राष्ट्रपति बाइडेन और मैंने दिखाया है कि इसे बेहतर तरीके से किया जा सकता है।

जब अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है, तो हमारा दृष्टिकोण अमेरिका के कामकाज़ी लोगों में हमारे ऐतिहासिक और प्रत्यक्ष निवेश से शुरू होता है, एक ऐसा निवेश जो एक सुदृढ़ और अभिनव अर्थव्यवस्था बनाने में मददगार रहा है।

हमारा स्पष्ट मानना है: स्वदेश में मज़बूत हुए बिना हम विदेश में मज़बूत नहीं हो सकते।

हमने अपने सभी 50 राज्यों में फैली 40,000 से अधिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ अपनी सड़कों, पुलों, बंदरगाहों और राजमार्गों के पुनर्निर्माण के लिए अभूतपूर्व निवेश किया है। हम सेमीकंडक्टर विनिर्माण को अमेरिका में वापस ला रहे हैं, जो हमारी सप्लाई चेन को सुरक्षित बनाएगा और भविष्य की प्रौद्योगिकियों को साकार करेगा। और हमने जलवायु संकट से निपटने तथा स्वच्छ ऊर्जा पर आधारित नई अर्थव्यवस्था निर्मित करने, उत्सर्जन घटाने और अपनी वैश्विक जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर का निवेश किया है।

हमारी आर्थिक दृष्टि ने यह सुनिश्चित किया है कि ऐतिहासिक स्तर पर रोजगार सृजन, छोटे व्यवसायों की शुरुआत और व्यापक आधार वाले आर्थिक विकास के साथ अमेरिका की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे मज़बूत बनी रहे।

और पिछले तीन वर्षों में, स्वदेश में इस मज़बूत ट्रैक रिकॉर्ड के बल पर, हमने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति लागू की है।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में, हमने अपने गठबंधनों और साझेदारियों में भारी निवेश किया है तथा शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने और निश्चित रूप से, वाणिज्य के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए नए गठबंधन बनाए हैं।

हमने चीन के साथ प्रतिस्पर्धा को ज़िम्मेदारीपूर्वक प्रबंधित किया है, जब भी ज़रूरी हुआ बीजिंग के मुक़ाबले खड़े हुए हैं और साथ ही जब हमारे हित में रहा, हमने साथ मिलकर भी काम भी किया है।

मध्य पूर्व में, हम हमास द्वारा 7 अक्टूबर को शुरू किए गए संघर्ष के यथाशीघ्र अंत के लिए काम कर रहे हैं, और यह सुनिश्चित करते हुए संघर्ष की समाप्ति के लिए कि इज़राइल सुरक्षित हो, बंधकों को रिहा किया जाए, मानवीय संकट का समाधान हो, हमास का गाज़ा पर नियंत्रण नहीं रहे, और फ़लस्तीनी सुरक्षा, सम्मान, स्वतंत्रता एवं आत्मनिर्णय के अपने अधिकार का उपयोग कर सकें। (तालियां।)

यह काम करते हुए हम ईरान और उसके प्रतिनिधि संगठनों की आक्रामकता का मुक़ाबला करने तथा क्षेत्रीय तनाव को रोकने और क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए भी काम कर रहे हैं।

इसके अलावा, हमने अफ़्रीका महाद्वीप में अपनी साझेदारियों को मज़बूत किया है, इस बात को समझते हुए कि महाद्वीप में हो रहे नवाचार हमारी दुनिया के भविष्य को आकार देंगे। साथ ही, हमने निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ाने, जलवायु संकट को दूर करने और प्रवासन के मूल कारणों से निपटने के लिए कैरीबियाई क्षेत्र और पूरे लैटिन अमेरिका में अपने साझेदारों के साथ काम किया है।

और बाइडेन-हैरिस प्रशासन ने जलवायु संकट से निपटने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में दुनिया का नेतृत्व किया है कि एआई का विकास जनहित के उद्देश्य से हो।

हमने बाह्य अंतरिक्ष के लिए नियमों और मानदंडों को आगे बढ़ाने और क़ायम रखने तथा दुनिया भर में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भी काम किया है।

और यहां यूरोप में, हम स्वतंत्रता और लोकतंत्र के समर्थन में अपने मित्रों और सहयोगियों के साथ एकजुट खड़े हुए हैं।

क्रिस्टोफ़, मैं दो साल पहले की बात का स्मरण करती हूं, जब मैं यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की पूर्व बेला में पहली बार इस मंच पर खड़ी हुई थी। हममें से कई लोगों को उस समय की याद होगी जब बहुतों ने सोचा था कि कीव कुछ ही दिनों में ही हाथ से निकल जाएगा।

लेकिन, यूक्रेन के लोगों के कौशल और बहादुरी के साथ-साथ राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के नेतृत्व और अमेरिकी नेतृत्व वाले 50 देशों के गठबंधन ने यूक्रेन को वो कर दिखाने में सक्षम बनाया जिसे कई लोग असंभव मानते थे।

आज, कीव स्वतंत्रता और मज़बूती के साथ खड़ा है। (तालियां।)

संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के बुनियादी सिद्धांतों की रक्षा करने तथा एक साम्राज्यवादी तानाशाही शासन को एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश के नागरिकों को अधीनस्थ बनाने से रोकने के लिए, अमेरिका के नेतृत्व में दुनिया एकजुट हुई है।

इसमें कोई संदेह नहीं कि पुतिन का युद्ध पहले ही रूस के लिए पूरी तरह नाकाम साबित हो चुका है।

अमेरिकी और यूरोपीय हथियारों की भारी आपूर्ति के कारण, यूक्रेन ने संघर्ष के शुरुआती दिनों में रूस द्वारा हथियाए गए अपने आधे से अधिक क्षेत्र पर फिर से नियंत्रण कर लिया है।

रूसी सेना को गंभीर झटके झेलने पड़े हैं। उसने अपने दो तिहाई टैंक और काला सागर स्थित नौसैनिक बेड़े का एक तिहाई हिस्सा गंवा दिया है।

साथ ही, पुतिन की आक्रामकता और अविवेक के कारण 300,000 से अधिक रूसियों ने जान गंवाई है। याद रखें, यह अफ़ग़ानिस्तान में 10 वर्षों में हुई रूसी जनहानि से पांच गुना अधिक है। और अब वह केवल दो हफ़्ते का प्रशिक्षण पाए रंगरूटों को भी अग्रिम मोर्चे पर तैनाती के लिए बाध्य कर रहा है।

हमने रूस पर उसकी आक्रामकता के लिए आर्थिक कीमत भी थोपी है। और अपने जी7 साझेदारों के साथ मिलकर, हमने रूस सरकार की परिसंपत्तियों को ज़ब्त कर लिया है और स्पष्ट कर दिया है कि रूस को यूक्रेन को हुए नुकसान की भरपाई करनी होगी।

मैं हाल ही में यूरोपीय संघ द्वारा यूक्रेन के समर्थन के लिए 54 अरब डॉलर उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं, जो हमारे यूरोपीय सहयोगियों और साझेदारों द्वारा पहले ही दी जा चुकी 100 अरब डॉलर से अधिक की सहायता के अतिरिक्त है।

आपने स्पष्ट कर दिया है कि यूरोप यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा, और मैं स्पष्ट कर दूं कि राष्ट्रपति जो बाइडेन और मैं यूक्रेन के साथ खड़े हैं। (तालियां।)

अमेरिकी संसद के दोनों सदनों के हितैषी द्विदलीय बहुमत के साथ साझेदारी में, हम उन महत्वपूर्ण हथियारों और संसाधनों को उपलब्ध कराने के लिए काम करेंगे जिनकी यूक्रेन को सख़्त ज़रूरत है। और मैं स्पष्ट कर दूं: ऐसा करने में विफलता व्लादिमीर पुतिन के लिए एक उपहार के समान होगी।

मोटे तौर पर, नैटो वैश्विक सुरक्षा संबंधी हमारे दृष्टिकोण के केंद्र में है। राष्ट्रपति बाइडेन और मेरे लिए, नैटो के प्रति हमारी पावन प्रतिबद्धता पहले की तरह अटूट है। और मेरा मानना है, जैसा कि मैंने पहले कहा, नैटो दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा सैन्य गठबंधन है।

नैटो की स्थापना एक बेहद सरल संकल्प के साथ की गई थी: एक पर हमला सभी पर हमला है। और जब राष्ट्रों के बीच संघर्ष की बात आती है, तो नैटो ने अमेरिकी लोगों की सुरक्षा के हित में अपने सदस्यों के खिलाफ़ आक्रामकता को रोकने का काम किया है।

पिछले 75 वर्षों से, नैटो सदस्यों ने इस पावन संधि को क़ायम रखा है, जिसमें 9/11 का वो पल शामिल है जब आतंकवादियों ने अमेरिका पर हमला किया था और पहली बार, एकमात्र बार, नैटो ने सामूहिक रक्षा के प्रावधान वाले अनुच्छेद 5 को लागू किया था। और नैटो अमेरिका के समर्थन में खड़ा रहा।

फिर भी, याद करें, राष्ट्रपति और मेरे कार्यभार संभालने से पहले, कुछ लोगों ने नैटो की उपयोगिता पर सवाल उठाए थे, और इसे “अनुपयोगी” बताया था।

मेरे देश में कइयों ने नैटो की सामूहिक रक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के मूल्य पर भी सवाल उठाया और जर्मनी से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का आह्वान किया।

लेकिन अमेरिका की नेतृत्वकारी भूमिका के कारण नैटो आज पहले से कहीं अधिक मज़बूत, बड़ा, एकीकृत और प्रभावी है।

हमने नैटो के पूर्वी हिस्से को अधिक हथियारों और सैन्य बलों के साथ मज़बूत किया है, जिसमें वायु रक्षा प्रणाली और लड़ाकू विमानों की तैनाती, सैन्य टुकड़ियों की सतत उपस्थिति और पोलैंड में एक स्थायी अमेरिकी सेना मुख्यालय की स्थापना शामिल है।

और, निसंदेह, यूरोपीय देश भी योगदान बढ़ा रहे हैं। जब से राष्ट्रपति बाइडेन और मैंने पदभार संभाला है, सकल घरेलू उत्पाद का 2 प्रतिशत रक्षा पर खर्च करने के लक्ष्य को पूरा करने वाले नैटो सदस्यों की संख्या दोगुनी हो गई है। नैटो ने संगठन में एक नया सदस्य भी जोड़ा है, और हम एक और सदस्य को जोड़ने की राह पर हैं। और हम इस साल गर्मियों में नैटो की 75वीं वर्षगांठ के मौक़े पर हो रहे शिखर सम्मेलन के लिए वाशिंगटन में फिनलैंड और स्वीडन दोनों का स्वागत करने के लिए तत्पर हैं। (तालियां।)

दुनिया भर में हमने काफी प्रगति की है। लेकिन अंततः, मेरा मानना है कि हमारी जो भी उपलब्धियां हैं वो हमारी सतर्कता के बिना स्थायी नहीं बन सकतीं। और हमें याद रखना चाहिए, इनमें से कोई भी उपलब्धि अपरिहार्य नहीं थी।

मैं आपसे पूछती हूं: कल्पना कीजिए कि अगर अमेरिका ने यूक्रेन से मुंह मोड़ लिया होता और हमारे नैटो सहयोगियों को छोड़ दिया होता और हमारी संधि प्रतिबद्धताओं को त्याग दिया होता, तो क्या होता। कल्पना कीजिए कि अगर हम पुतिन से नरमी बरतते, उन्हें प्रोत्साहित करने की बात छोड़िए, तो क्या होता।

इतिहास से एक सबक मिलता है। यदि कोई हमलावर अपने पड़ोसी पर बेखौफ़ हमला कर रहा हो और आप मूकदर्शक बने रहें, तो वो आगे बढ़ता रहेगा। और पुतिन के संदर्भ में, इसका मतलब है पूरे यूरोप का खतरे में पड़ना।

यदि हम रूस पर गंभीर परिणाम थोपने में विफल रहे, तो दुनिया भर में अन्य तानाशाहों का हौसला बढ़ जाएगा, क्योंकि वे देखेंगे – वे देख रहे हैं और सबक ले रहे हैं।

इतिहास ने हमें यह भी दिखाया है: यदि हम केवल अंदर की ओर झांकते रहे, तो हम बाहर से आने वाले खतरों को मात नहीं दे सकते। अलगाव कोई प्रतिरक्षा नहीं है।

दरअसल, जब भी अमेरिका ने खुद को अलग-थलग किया, खतरे केवल बढ़े ही हैं।

मुझे यूरोप के लोगों को उस काले इतिहास की याद दिलाने की ज़रूरत नहीं है जब अत्याचार और फासीवाद की ताक़तें उभार पर थीं और तब अमेरिका स्वतंत्रता की रक्षा के लिए और हमारी सामूहिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने सहयोगियों देशों के साथ खड़ा हुआ था।

तो, मैं इस बात के साथ अपनी बात समाप्त करना चाहूंगी। इस अस्थिर समय में, यह स्पष्ट है: अमेरिका पीछे नहीं हट सकता। अमेरिका को लोकतंत्र के लिए मज़बूती से खड़ा रहना होगा। हमें अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानदंडों की रक्षा में खड़ा होना होगा, और हमें अपने सहयोगी देशों के साथ खड़ा होना रहना होगा।

यही बात अमेरिका के आदर्शों का प्रतिनिधित्व करती है और अमेरिकी लोग जानते हैं कि यही हमें मज़बूत बनाती है।

और कोई संदेह नहीं रहे, अमेरिकी लोग वक़्त की कसौटी पर खरा उतरेंगे, और अमेरिका नेतृत्व करता रहेगा।

आप सभी का धन्यवाद। (तालियां।)


मूल स्रोत: https://www.whitehouse.gov/briefing-room/speeches-remarks/2024/02/16/remarks-by-vice-president-harris-at-the-munich-security-conference-munich-germany/

अस्वीकरण: यह अनुवाद शिष्टाचार के रूप में प्रदान किया गया है और केवल मूल अंग्रेज़ी स्रोत को ही
आधिकारिक माना जाना चाहिए।

U.S. Department of State

The Lessons of 1989: Freedom and Our Future