अमेरिकी विदेश मंत्रालय
संवाददाता सम्मेलन
विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन
फरवरी 22, 2024

जेडब्ल्यू मैरियट होटल
रियो डि जेनेरो, ब्राज़ील

विदेश मंत्री ब्लिंकन: सभी को नमस्कार। सबसे पहले, मैं कहना चाहूंगा कि यहां ब्राज़ील में होना बहुत ही सुखद है – पहले ब्राज़ीलिया में, अब यहां रियो में। और मुझे लगता है कि आप में से बहुतों को पता होगा, इस वर्ष अमेरिका और ब्राज़ील के बीच राजनयिक संबंधों की 200वीं वर्षगांठ है, जिस पर हम आगे पूरे वर्ष ज़ोर देंगे और जश्न मनाएंगे।

ठीक एक साल पहले अमेरिकी राष्ट्रपति और राष्ट्रपति लूला की मुलाक़ात हुई थी, और मुझे लगता है कि उस बैठक से जो चीजें सामने आईं उनमें से एक थी अगली पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य निर्मित करने की एक साझा आकांक्षा, साझा उद्देश्य,  साझा लक्ष्य। ये राष्ट्रपति लूला के शब्द थे; यह राष्ट्रपति बाइडेन की प्रतिबद्धता भी है। और मैं समझता हूं हम बहुत से, विविध क्षेत्रों में देख रहे हैं कि अमेरिका और ब्राज़ील इसे संभव करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

मुझे कल ब्राज़ीलिया में राष्ट्रपति लूला के साथ कुछ समय बिताने का सौभाग्य और विशेषाधिकार प्राप्त हुआ। मैं उनके द्वारा दिए गए समय और बातचीत की गहनता और व्यापकता के लिए उनका आभारी हूं। और जब मैं चर्चा के विषयों पर विचार करता हूं, तो उसका बड़ा हिस्सा हमारे देशों के साझा एजेंडे के बारे में था यानि प्रभावी ढंग से  हमारे लोगों के लिए बेहतर भविष्य गढ़ने के प्रयास, और लोगों के रोज़मर्रा के जीवन को प्रभावित करने वाले विषयों और मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना।

हम सभी का दायित्व है मानवता के अस्तित्वगत खतरे से लड़ना, और ये खतरा है जलवायु परिवर्तन का। और हमारे दोनों देश इस मामले में अग्रणी रहे हैं। बेशक, जब जलवायु परिवर्तन और कार्बन उत्सर्जन से प्रभावी ढंग से निपटने की बात आती है तो वर्षा वन – अमेज़न – दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक हैं। राष्ट्रपति बाइडेन के साथ व्हाइट हाउस में अपनी उपस्थिति के दौरान राष्ट्रपति लूला ने इसे इस तरह व्यक्त किया था: “आज अमेज़न वर्षा वन की देखभाल करना पृथ्वी ग्रह की देखभाल करने के समान है। और पृथ्वी ग्रह की देखभाल करने का अर्थ है अपनी [अपने अस्तित्व की] देखभाल करना।” मुझे नहीं लगता कि कोई इसे इससे बेहतर तरीके से कह सकता है।

इसलिए अमेरिका वनों की कटाई से निपटने के लिए, वर्षा वन को संरक्षित करने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए, ब्राज़ील के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहा है। हम इस काम में संसाधन लगा रहे हैं; हम दुनिया भर के कई अन्य देशों को इसमें भागीदारी के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। और यूएसएआईडी और अमेरिकी सरकार के अन्य संगठनों के साथ, हम वर्षा वन के प्रबंधन और संरक्षण के लिए बहुत ही व्यावहारिक और ठोस तरीकों से काम कर रहे हैं।

2025 में, ब्राज़ील बेलेम में जलवायु सम्मेलन, कॉप30, का नेतृत्व करेगा। जलवायु परिवर्तन से निपटने के विभिन्न तरीकों पर प्रगति को आगे बढ़ाने का यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर है, और हम ब्राज़ील के नेतृत्व की सराहना करते हैं।

एक अन्य क्षेत्र जिसमें ब्राज़ील अग्रणी है और अमेरिका ने ब्राज़ील के साथ साझेदारी की है, वो है खाद्य असुरक्षा और भूख की वैश्विक चुनौती से निपटना। और, मुझे इस तथ्य पर गर्व है कि अमेरिका ने पिछले कुछ वर्षों में उन आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए अरबों डॉलर का निवेश किया है जिनका हम सामना कर रहे हैं – दुनिया सामना कर रही है। जो दोनों वजहों से हैं – जलवायु परिवर्तन और कोविड के परिणामस्वरूप ​​तथा यूक्रेन के खिलाफ़ रूस की आक्रामकता समेत संघर्षों के कारण। 2021 से, अमेरिका ने दुनिया भर के लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा के समर्थन में 17.5 अरब डॉलर का निवेश किया है। लेकिन केवल आपातकालीन सहायता ही मायने नहीं रखती, और मैंने राष्ट्रपति लूला के साथ इस पर चर्चा की। महत्वपूर्ण वो काम भी है जो हम दुनिया भर में अफ़्रीका से लेकर लैटिन अमेरिका और उससे भी परे देशों के लिए उत्पादक क्षमता में निवेश हेतु कर रहे हैं। यही है खाद्य असुरक्षा की चुनौती का जवाब। हमारी कई जारी पहलों का उद्देश्य यही है – हमारी कृषि प्रणालियों को, हमारी खाद्य उत्पादन प्रणालियों को अनुकूलित करना।

ब्राज़ील के साथ, हमने विभिन्न देशों में मिट्टी में सुधार के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और अन्य तकनीकों के उपयोग के लिए साझेदारी की है। और एक चीज़ जिस पर हमारी सहमति है और जो हमारी अपनी प्रमुख नई पहलों में से एक – वीएसीएस, या विज़न फ़ॉर एडाप्टेड क्रॉप्स एंड सॉइल – के केंद्र में है, वो ये कि जब आपके पास जलवायु परिवर्तन और अन्य चरम मौसमी दशाओं के अनुकूल सक्षम और पौष्टिक बीज हों, जब आपके पास उपजाऊ मिट्टी हो, तो कुछ भी संभव है।

और ब्राज़ील के साथ यह पहल इसी दिशा में केंद्रित है, और इसका मतलब है कि हम बीज़ और मिट्टी के अलावा जो कुछ भी ज़मीन में डालेंगे, जैसे कि उर्वरक, वह अधिक असरदार होगा। इसलिए हम ऐसी फसलें विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं जो पोषक तत्वों का अधिक कुशलतापूर्वक, अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करती हैं, लागत कम करती हैं, निर्भरता कम करती हैं और साथ ही उत्सर्जन भी कम करती हैं। यह काम जलवायु परिवर्तन से जुड़ा है। यह हमारे दोनों देशों के साझा उद्देश्य के लिए मिलकर काम करने का एक और सशक्त उदाहरण है।

और फिर, निसंदेह, राष्ट्रपति बाइडेन और राष्ट्रपति लूला में कामगारों के अधिकारों की रक्षा करने, दुनिया भर में श्रमिक अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें मज़बूत बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को लेकर परस्पर गहरा जुड़ाव है। मुझे लगता है कि दोनों राष्ट्रपतियों का इस पर समान नज़रिया है। कामगार और श्रमिक देशों के रूप में हमारी सफलताओं के केंद्र में हैं; हम दोनों हाशिए पर पड़ी आबादी और मध्यवर्ग पर केंद्रित नीतियों के ज़रिए अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण कर रहे हैं। इस मामले में भी, श्रमिकों के अधिकारों के लिए साझेदारी – जिस पर दोनों राष्ट्रपतियों ने हस्ताक्षर किए हैं – का उद्देश्य है श्रमिकों के शोषण को रोकना, जबरन श्रम और बाल श्रम बंद करने पर ध्यान केंद्रित करना, दुनिया भर में श्रम अधिकारों को बढ़ावा देना – इस मामले में भी दोनों देश परस्पर जुड़े हुए हैं।

और, हमारे पास नस्लीय और जातीय भेदभाव को खत्म करने और विशेष रूप से अफ़्रीकी समुदाय के लोगों और मूल निवासियों के लिए समता सुनिश्चित करने, तथा शिक्षा, स्वास्थ्य और न्याय तंत्र की समान उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त कार्ययोजना भी है।

मैं इन सबका उल्लेख इसलिए कर रहा हूं क्योंकि ये मुद्दे वास्तव में कल राष्ट्रपति लूला के साथ मेरी बातचीत के केंद्र में थे, और यह पहलू जी20 एजेंडे के केंद्र में भी हैं, अभी जिसका नेतृत्व ब्राज़ील कर रहा है। और इस यात्रा का दूसरा प्रमुख उद्देश्य इस वर्ष के अंत में जी20 शिखर सम्मेलन में नेताओं के लिए एजेंडा तय करने के वास्ते विदेश मंत्री विएरा के नेतृत्व में आयोजित विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेना था। इस मामले में भी, ब्राज़ील और अमेरिका साझेदारों के रूप में मिलकर काम कर रहे हैं, और यहां अमेरिका का उद्देश्य ब्राज़ील की जी20 अध्यक्षता को समर्थन देना और सफल बनाना है।

ब्राज़ील ने जिन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है – चाहे वह कामगारों और श्रमिकों के अधिकारों को आगे बढ़ाने की बात हो, जलवायु परिवर्तन से निपटने की बात हो, खाद्य सुरक्षा की बात हो, चाहे दुनिया के देशों में परस्पर जुड़ाव के तरीकों को आकार देने वाली संस्थाओं में सुधार की बात हो – हम उन सभी पर ब्राज़ील के साथ घनिष्ठता से काम कर रहे हैं।

बेशक, इनमें से कुछ वैश्विक चुनौतियों का दायरा, पैमाना बहुत बड़ा है, और मुझे पता है कि कई बार ऐसा महसूस होता है कि ये चुनौतियां इनसे निपटने की हमारी सामूहिक क्षमता से कहीं बड़ी हैं। लेकिन मैं समझता हूं जी20 ये दिखा सकता है – इसने अतीत में दिखाया है और मेरा मानना है कि यह भविष्य में भी दिखाएगा – वो ये कि, नहीं, जब हम साथ मिलकर काम करते हैं तो हमारे पास वास्तव में क्षमता होती है, वक़्त की कसौटी पर खरा उतरने की, सामने मौजूद चुनौतियों का सामना करने की, वास्तव में उन लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने की क्षमता जिनका कि हम प्रतिनिधित्व करते हैं।

अमेरिका, अपनी ओर से, इस दिशा में काम कर रहा है, और हमने जी20 के संदर्भ में इन मुद्दों पर कुछ चर्चा की है।

यूक्रेन पर, लगभग सभी जी20 सदस्यों की एक तीव्र, स्पष्ट इच्छा है कि रूसी आक्रामकता समाप्त हो और इस तरह की शांति क़ायम हो जो अपनी स्वतंत्रता, अपने भविष्य, अपने देश की क्षेत्रीय अखंडता के यूक्रेनियों के अधिकार को बरकरार रखे। और पिछले दो दिनों में हमारी जो बैठकें हुईं उनमें ये बात बिल्कुल स्पष्ट थी।

इज़रायल और हमास के बीच गाज़ा में संघर्ष की बात करें, तो हम एक ऐसा समझौता कराने की कोशिश पर गहनता से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप बाक़ी बंधकों की रिहाई हो और जिससे युद्ध में एक विस्तारित मानवीय ठहराव आ सके। और कहना चाहूंगा, कि ये ऐसे लक्ष्य हैं जिन्हें मुझे लगता है कि जी20 में लगभग हर कोई साझा करता है।

हैती में – एक ऐसा स्थान जो हमारे देशों के तथा अमेरिकियों और ब्राज़ीलियाई लोगों के दिलों के क़रीब है – हम एक ऐसी स्थिति देख रहे हैं जो लगातार बिगड़ती जा रही है, खासकर उन गिरोहों के कृत्यों के कारण गहरी असुरक्षा के संदर्भ में, जो न केवल पोर्ट-अउ-प्रिंस में बल्कि अधिकाधिक सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी बेलगाम हैं। हमारे सामने एक ऐसा देश देख है जो एक नाकाम राष्ट्र बनने की कगार पर है, और इसके परिणामस्वरूप लोग भारी पीड़ा झेल रहे हैं – न केवल हिंसा के कारण, जिसमें यौन हिंसा भी शामिल है, बल्कि जीवन की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने में असमर्थता की वजह से भी।

आज हमारी एक बैठक हुई जिसमें कई देश शामिल थे, जिनमें से सभी हैती में फिर से सुरक्षा स्थापित करने के मिशन में योगदान देंगे, जिसकी संयुक्तराष्ट्र ने पिछले साल पुष्टि की थी और जिसे अब हम साकार कर रहे हैं। हमारे समक्ष हैशियन नेशनल पुलिस के समर्थन में इस प्रयास का नेतृत्व करने के लिए कीनिया की प्रतिबद्धता है, और आज हमने – जैसा कि मैंने कहा, एक दर्जन से अधिक देशों के साथ बैठक की, जिनमें से प्रत्येक इसमें योगदान दे रहा है या अहम योगदान देने की योजना बना रहा है – कर्मियों, उपकरणों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और वित्तीय संसाधनों के रूप में। और मैं समझता हूं आज हमने इस प्रयास के लिए कम से कम 12 करोड़ डॉलर के अतिरिक्त योगदान की प्रतिबद्ध व्यक्त की है।

हम अनियमित प्रवासन से निपटने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, जो एक ऐसी चुनौती है जिसका सामना इस समय दुनिया भर के देश कर रहे हैं। सीधे शब्दों में कहें तो यह ऐतिहासिक स्तर की चुनौती है। हम अब दुनिया भर में कहीं अधिक लोगों को भ्रमण करते देख रहे हैं – न केवल हमारे अपने गोलार्ध में, बल्कि पूरी दुनिया में – जब से हम इन आंकड़ों का रिकॉर्ड रख रहे हैं, ये अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। लेकिन इस मामले में भी, हम चुनौती से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास कर रहे हैं।

और इसके अलावा दुनिया भर में कई अन्य स्थानों पर जहां संघर्ष है, जहां असुरक्षा है, वहां अमेरिका अन्य देशों के साथ काम करते हुए, परिवर्तन की, बदलाव लाने की कोशिश कर रहा है – चाहे बात सूडान की हो, पूर्वी डीआरसी की हो, इथियोपिया की, सोमालिया की हो। हम इन सभी जगहों पर असुरक्षा की स्थिति से निपटने की कोशिश कर रहे हैं और साथ ही, ख़ासकर अफ़्रीका में, एक सुदृढ़ और सकारात्मक एजेंडे के साथ काम कर रहे हैं, अपनी हालिया यात्रा में मैंने जिसे रेखांकित किया था।

अंततः, सुरक्षा से परे, हम नए तरीकों से साझा चुनौतियों का सामना करने के लिए देशों और संगठनों के नए गठबंधन बना रहे हैं। हमारे पास अब बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए एक वैश्विक साझेदारी है जो शीर्ष की ओर ले जाती है, न कि रसातल की ओर। यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम दुनिया भर के देशों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को और प्रत्यक्ष निवेश को उस दिशा में केंद्रित रखें, हम इसे इस तरह से कर रहे हैं कि जिससे देशों पर कर्ज़ का बोझ न पड़े, तथा जो श्रमिकों के अधिकारों, पर्यावरण और पारदर्शिता का सम्मान करे। यह गठबंधन – यहां ब्राज़ील सहित – अधिकाधिक ठोस परियोजनाओं पर और उनमें संसाधन लगाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

हमारे समक्ष ऐसे देश हैं – सौ से अधिक देश – जो वैश्विक मीथेन संकल्प को पूरा करने के लिए एक साथ आए हैं, 2030 तक मीथेन उत्सर्जन, जो ग्लोबल वार्मिंग में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, में 30 प्रतिशत की कटौती करने के लिए। इसका ज़ोरदार असर होगा।

और जैसा कि मैंने कई बार चर्चा की है, अब हमारे साथ 18 से 49 वर्ष की उम्र के अमेरिकियों का नंबर एक हत्यारा साबित हो चुके सिंथेटिक ओपिओइड से निपटने हेतु एक वैश्विक गठबंधन है: अमेरिका के मामले में यह ओपिओइड फ़ेंटानिल है, लेकिन कई अन्य देशों में हम मेथैमफ़ेटामाइन देखते हैं, हम केटामाइन देखते हैं, हम ट्रैमाडोल देखते हैं। यह उन नई चुनौतियों में से एक है जिस पर दुनिया भर के देश तेज़ी से ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि उन्हें ऐसा करने की ज़रूरत है। और यह जी20 की बैठक में भी चर्चा का एक विषय था।

अंत में, भले ही हम शांति और सुरक्षा के मुद्दों पर काम करने की कोशिश कर रहे हैं, भले ही हम इन व्यापक अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से निपट रहे हैं, जिनसे कोई भी देश अकेले प्रभावी ढंग से नहीं निपट सकता, हमें अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में भी पुनर्निवेश करना होगा और उन्हें अद्यतन करना होगा, जो इन चुनौतियों से निपटने के लिए हम सभी को एक साथ लाते हैं। यह जी20 के आज के सत्र का विषय था। हमें इन संस्थाओं को ऐसा रूप देना होगा जो अधिकाधिक आज की दुनिया को प्रतिबिंबित करें, न कि तब की दुनिया को जो इन संस्थाओं के गठन – इनमें से अधिकांश 80 साल पहले बनी थीं – के समय थी। हमें ऐसे संस्थान चाहिए जो आज की चुनौतियों का सामना करने के लिए अधिक संवेदनशील और अधिक प्रभावी हों।

और इन प्रयासों में भी अमेरिका अग्रणी रहा है। हम संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार – स्थायी और गैरस्थायी दोनों वर्गों के सदस्यों के संदर्भ में – के प्रयास का नेतृत्व कर रहे हैं, ताकि यह आज की दुनिया, आज की वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित कर सके। हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता समेत आज के सबसे महत्वपूर्ण उभरते मुद्दों एवं अवसरों पर संयुक्तराष्ट्र का फ़ोकस तेज़ करने के लिए काम कर रहे हैं। संयुक्तराष्ट्र महासभा के समक्ष हमारा जो प्रस्ताव है, वह यह सुनिश्चित करने हेतु एक आधार निर्मित करने के बारे में है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग ऐसे तरीके से किया जाए जो सुरक्षित हो, भरोसेमंद हो, और जो सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने समेत वास्तव में लोगों के लिए अहम मुद्दों पर प्रगति को आगे बढ़ाता हो।

हम अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों को अधिक संवेदनशील, अधिक प्रभावी, अधिक कुशल बनाने के लिए काम कर रहे हैं, जिससे ज़रूरतमंद देशों को पूंजी उपलब्ध कराई जा सके, रियायती वित्तपोषण संभव हो सके और अनेक देशों पर आए कर्ज़ के भारी बोझ से निपटा जा सके। हम इन संस्थानों में उभरते बाज़ारों और विकासशील देशों की आवाज़ के महत्व को बढ़ा रहे हैं। और हम निजी पूंजी निवेश जुटाने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं कि इसे सही स्थानों पर ठीक से लगाया जाए।

इन सभी तरीकों से, अमेरिका यह सुनिश्चित करने के प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है कि जो संस्थान हमें एक साथ लाते हैं और जहां हम मिलकर काम कर रहे हैं, वे आज की दुनिया को अधिक प्रतिबिंबित करें और मौजूदा चुनौतियों का सामना करने में अधिक असरदार हों। यह कई मायनों में हम सभी के लिए ज़बरदस्त चुनौतियों का क्षण है। तीस से अधिक वर्षों में, जब मैं सरकार में इन मुद्दों से जुड़ा रहा हूं, मुझे आज जैसा वक़्त नहीं दिखा जब हमारे समक्ष चुनौतियों की इतनी अधिक विविधता, इतनी अधिक जटिलता, इतनी अधिक परस्पर संबद्धता रही हो। और मुझे लगता है कि यह साथ मिलकर काम करने, सहयोग करने, समन्वय और संवाद के लिए पहले से कहीं अधिक प्रयास करने के महत्व को ही रेखांकित करता है।

ठोस वास्तविकता यह है: किसी एक देश के पास अकेले इन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने की क्षमता नहीं है। लेकिन जब हम एक साथ काम करते हैं, जब हम अपने प्रयासों को साझा लक्ष्यों पर केंद्रित करते हैं, तो मुझे लगता है – हमने अतीत में दिखाया है और हम भविष्य में भी प्रदर्शित करेंगे – कि ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे हम वास्तव में हासिल नहीं कर सकते। धन्यवाद।

श्री पटेल: हम सबसे पहले ब्लूमबर्ग न्यूज़ की कर्टनी मैकब्राइड का सवाल लेते हैं।

विदेश मंत्री ब्लिंकन: कर्टनी, यदि कई प्रश्न हों तो मैं अपनी कलम निकाल रहा हूं, और –

प्रश्न: विदेश मंत्री महोदय, मैं इसे संक्षिप्त और एक विषय पर रखने का प्रयास करूंगी। धन्यवाद। रूस को अलग-थलग करने के अमेरिका और अन्य देशों के प्रयासों के बावजूद, जिसे आपने कल दुनिया में अस्थिरता का अग्रणी निर्यातक कहा था, वह वैश्विक मंच पर सक्रिय है, जिसमें इस सप्ताह के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में विदेश मंत्री लावरोव की भागीदारी भी शामिल है। तो यह तथ्य वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक रूप से जवाब देने के प्रयासों को कैसे जटिल बनाता है, और इसने इस सप्ताह की बैठकों को कैसे प्रभावित किया?

और आगे रूस की ही बात करें, तो राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन पर व्यापक हमले की दूसरी बरसी के साथ-साथ अलेक्सी नवाल्नी की मौत के संबंध में कल नए प्रतिबंध घोषित किए जाएंगे। क्रेमलिन ने कथित तौर पर नवाल्नी की विधवा को रूस नहीं लौटने की चेतावनी दी है, और नवाल्नी की मां की शिकायत है कि रूसी सरकार उन पर चुपके से अंतिम संस्कार करने के लिए दबाव डाल रही है। अमेरिका और उसके सहयोगी और साझेदार रूस के व्यवहार को प्रभावित करने या बदलने की उम्मीद कैसे करते हैं, जबकि पिछले प्रतिबंध ऐसा नहीं कर पाए? और इसके अलावा, क्या आतंकवाद का प्रायोजक राष्ट्र घोषित करना रूस पर और अधिक दबाव डालने करने का एक संभावित तरीका है? धन्यवाद।

विदेश मंत्री ब्लिंकन: बढ़िया। धन्यवाद, कर्टनी। तो सबसे पहले, मुझे लगता है, फिर से कहना चाहूंगा, यदि आप पिछले दो दिनों के दौरान कक्ष में थीं, उदाहरण के लिए, जब हमने यूक्रेन के खिलाफ़ रूसी आक्रामकता के बारे में चर्चा की थी – और न केवल यूक्रेन के खिलाफ़, बल्कि उन सिद्धांतों के खिलाफ़ भी जो कि हमारी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के केंद्र में है, जिसके बारे में बात करने के लिए और उम्मीद है कि इसे मज़बूत करने के लिए हम यहां आए हैं – मुझे लगता है कि अगर आप उस कक्ष में होतीं, जैसे कि विदेश मंत्री लावरोव थे, तो आपने एक बहुत ही ज़ोरदार समवेत स्वर सुना होता – जैसा कि मैंने कहा, न केवल जी20 के भीतर जी7 के देशों का, बल्कि कई अन्य देशों का भी – रूसी आक्रामकता को समाप्त करने, शांति बहाल करने, और यह सुनिश्चित करने की अनिवार्यता के बारे में कि केवल यूक्रेनी लोग ही अपने देश की क्षेत्रीय अखंडता को संरक्षित रखते हुए, अपना भविष्य खुद तय कर सकें।

यह अधिकाधिक स्पष्ट होता जा रहा है, इसलिए मुझे लगता है कि एक तरह से यह वास्तव में रूस के लिए काफी उपयोगी सबक है कि वास्तव में पूरी दुनिया इस आक्रामकता के बारे में और इसे समाप्त होते देखने की तीव्र इच्छा के बारे में क्या सोचती है।

और फिर कहना चाहूंगा कि इसके दो कारण हैं। एक तथ्य यह है कि यह वैश्विक व्यवस्था के बुनियादी सिद्धांतों के विरुद्ध आक्रामकता है। दूसरी बात यह है कि दुनिया भर के देशों और लोगों पर इसका प्रभाव पड़ा है – खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों, ऊर्जा की बढ़ती कीमतों ने, आमतौर पर इस रूसी आक्रामकता के कारण, लोगों को प्रभावित किया है।

वैसे, हम रूसी नौसेना को पीछे धकेल कर और फिर से काला सागर में पहुंच, यूक्रेन सहित, हासिल कर, अधिकाधिक प्रभावी तरीकों से इसका समाधान करने में सक्षम हो गए हैं। काला सागर होकर यूक्रेन का निर्यात अब फरवरी 2022 में रूसी आक्रमण से पहले की तुलना में अधिक है, लेकिन मुझे लगता है कि दुनिया भर के देश अपने ऊपर इस आक्रामता का असर देख रहे हैं, और इस कारण से भी वे इसे रोकना चाहते हैं।

नए उपायों और अतिरिक्त प्रतिबंधों के संदर्भ में, सूचना का इंतज़ार करें। जो जल्दी ही आएगी। और मैं श्री नवाल्नी के बारे में बस यही कहूंगा, वो अपने जीवन में, अपने काम में वास्तव में वीर थे। लेकिन तथ्य यह है कि व्लादिमीर पुतिन ने एक व्यक्ति को उत्पीड़ित करना, ज़हर देना और क़ैद करना आवश्यक समझा, यह पुतिन के तहत रूस की ताक़त की नहीं, बल्कि उसकी कमज़ोरी का सबूत है। और मैं समझता हूं, फिर से कहना चाहूंगा, कि श्री नवाल्नी के साथ जो हुआ उसके बारे में दुनिया भर के देश क्या सोचते हैं, उन्होंने इसे बड़ी स्पष्टता से, जी20 में भी, सामने रखा है।

श्री पटेल: हम बैंड टीवी के फ़र्नांडो डेविड का सवाल लेंगे।

प्रश्न: नमस्ते, विदेश मंत्री महोदय। आपको संबोधित करने का अवसर पाकर खुशी हुई।

विदेश मंत्री ब्लिंकन: धन्यवाद।

प्रश्न: मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि गाज़ा की स्थिति की तुलना होलोकॉस्ट से करने वाले राष्ट्रपति लूला के बयान पर आपकी व्यक्तिगत राय क्या है – अमेरिका की नहीं, बल्कि आपकी, श्री ब्लिंकन की? और इसके अलावा, क्या आपको लगता है कि इस तरह का बयान ब्राज़ील सरकार द्वारा आज के जी20 बैठक में पेश प्रस्तावों को नाकाम या मुश्किल बना सकता है, विशेष रूप से ब्राज़ील जैसे देशों को शामिल करते हुए संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद में बड़े बदलावों के प्रस्ताव को? धन्यवाद।

विदेश मंत्री ब्लिंकन: बहुत बहुत धन्यवाद। सबसे पहले, मैं कुछ मिनट पहले कही गई बात दोहरा दूं। राष्ट्रपति लूला के साथ बातचीत और चर्चा की गुणवत्ता पर मुझे, अमेरिका की ओर से, इससे अधिक प्रसन्नता नहीं हो सकती थी। और मैं उनका आभारी हूं न केवल हमारी बैठक को पूरा समय देने के लिए, बल्कि बातचीत की गुणवत्ता के लिए भी। और जैसा कि मैंने कहा, हमारी बातचीत लगभग पूर्णतया बहुत ही महत्वपूर्ण और प्रभावी साझा एजेंडे पर केंद्रित थी, जो मौजूदा दौर की बड़ी चुनौतियों के बारे में अमेरिका और ब्राज़ील साझा करते हैं, और हम इन चुनौतियों से ऐसे निपटेंगे ताकि ब्राज़ील में, अमेरिका में, और दुनिया भर में लोगों के जीवन में सुधार हो।

हमारी लगभग संपूर्ण बातचीत यही थी, और यह इस तथ्य को प्रतिबिंबित करता है कि कई मायनों में राष्ट्रपति लूला ने जो दृष्टिकोण पेश किया है, वही दृष्टिकोण राष्ट्रपति बाइडेन का है। और राष्ट्रपति बाइडेन के प्रतिनिधि के रूप में, मेरा उद्देश्य वास्तव में उस साझा दृष्टिकोण को मज़बूत बनाना जारी रखने और उसे आगे बढ़ाने के व्यावहारिक तरीकों पर ध्यान देते रहने का था।

वैसे, हमारे बीच कुछ मुद्दों और उन्हें देखने के तरीकों को लेकर मतभेद भी हैं। और आपके इस विशेष प्रश्न की बात करें, तो जाहिर तौर पर गाज़ा की तुलना होलोकॉस्ट से किए जाने पर हम पूरी तरह असहमत हैं। लेकिन दोस्तों के बीच भी असहमतियां होती हैं। किसी एक विशेष मुद्दे पर या मुझे कहना चाहिए कि मुद्दे के एक पहलू पर भी हमारे बीच ऐसी असहमतियां हो सकती हैं, यहां तक कि गहरी असहमतियां भी हो सकती हैं, लेकिन फिर भी हम मिलकर किए जा रहे सारे अहम कार्यों को जारी रख सकते हैं।

और साथ ही, हम इस समय बंधकों को रिहा कराने, अधिक मानवीय सहायता के साथ-साथ संघर्ष में एक विस्तारित मानवीय विराम संभव करने और संघर्ष को समाप्त करने के साझा उद्देश्यों में एकजुट हैं। ये साझा उद्देश्य हैं। इसलिए मुझे लगता है कि यह जानना महत्वपूर्ण है कि हमारी बातचीत, हमारे संवाद की प्रकृति क्या थी। और हम प्रतिबद्ध हैं – हम निरंतर प्रतिबद्ध हैं – अपने साझा एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए, अमेरिका और ब्राज़ील के बीच सीधे संबंधों के ज़रिए और साथ ही ब्राज़ील के जी20 नेतृत्व के माध्यम से।

श्री पटेल:  अब हम रॉयटर्स के साइमन लुइस का सवाल लेंगे।

प्रश्न:  शुक्रिया।  विदेश मंत्री ब्लिंकन, मैं गाज़ा के सवाल में कुछ और जोड़ना चाहता था। पिछले साल की जी20 बैठकों की बात करें, आप रूस पर अपने दृष्टिकोण के पक्ष में जी20 के सदस्यों से व्यापक समर्थन हासिल करने में सक्षम थे, यहां तक ​​कि संयुक्तराष्ट्र चार्टर सिद्धांतों का हवाला देते हुए भी, जिनका यूक्रेन पर आक्रमण के कारण उल्लंघन हो रहा था। इस वर्ष, हमें जी20 के अधिकांश सदस्य या जी20 के कई सदस्य गाज़ा में तत्काल युद्धविराम की मांग करते दिख रहे हैं, जो आपके विचार के विपरीत है, और जो इस तथ्य से उजागर होता है कि इस मुद्दे पर यूएन में अमेरिका को वीटो का उपयोग करने के लिए मजबूर किया गया।

तो पिछले वर्ष की तुलना इस वर्ष से करने पर, क्या इज़रायल और उसके युद्ध के प्रति आपका समर्थन आपको अलग-थलग कर रहा है? क्या इसने आपको बैकफ़ुट पर ला दिया है?

और संबंधित कुछ बिंदुओं का उल्लेख करूं तो, लगातार गाज़ा में मानवीय तबाही की चेतावनियां दी जा रही हैं। तनाव में कमी लाने से जुड़े मुद्दे और लूटपाट का मतलब ये है कि गाज़ा में ट्रकों से सहायता तो पहुंच रही है, लेकिन वास्तव में ज़रूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रही है। डब्ल्यूएफ़पी ने कहा है कि वह गाज़ा के उत्तरी हिस्से में खाद्य वितरण के अहम कार्य को निलंबित कर रहा है, और संयुक्तराष्ट्र आकलन मिशन जिसके बारे में आपने बात की थी, वह आगे नहीं बढ़ा है। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए आप क्या कर रहे हैं? और क्या आप बता सकते हैं कि क्या इज़रायल वास्तव में इन प्रयासों के समर्थन के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है? धन्यवाद।

विदेश मंत्री ब्लिंकन:  शुक्रिया, साइमन।  सबसे पहले, संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव की बात करूं, तो इस स्पष्ट तथ्य और विचार के साथ शुरुआत करना महत्वपूर्ण है: वह प्रस्ताव, अपने आप में, युद्धविराम में परिणत नहीं होता। हमारे सामने सवाल यह है कि आगे बढ़ने का सबसे प्रभावी तरीका क्या है – इस तरह से आगे बढ़ें कि बंधकों को रिहा कराया जा सके, इस संघर्ष में एक विस्तारित मानवीय विराम हो और अंततः संघर्ष समाप्त हो सके। और हमारी समझ से, ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका वही है जो हम अभी कर रहे हैं, यानि बंधकों के बारे में एक समझौते पर गहनता से काम करना।

यह ऐसा कार्य है जिसमें मैं लगभग रोज़ाना शामिल रहता हूं, यहां रहते हुए भी, जिसमें मेरे सहयोगी हैं, सीआईए निदेशक बिल बर्न्स, और व्हाइट हाउस के मध्य पूर्व समन्वयक ब्रेट मैकगर्क। हम निरंतर संवाद करते रहते हैं और इसके हर पहलू पर काम कर रहे हैं, क्योंकि यह सबसे तेज़ रास्ता है, सबसे प्रभावी रास्ता है, वहां पहुंचने का, जहां तक हर कोई जाना चाहता है, जिसमें जी20 के सारे सदस्य भी शामिल हैं।

और जैसा कि मैंने कहा, सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव, अपने आप में, ऐसा परिणाम नहीं देगा। और वास्तव में, इस प्रस्ताव विशेष को लेकर हमारी चिंता दो तरह की थी। एक तथ्य यह था कि बंधकों के संबंध में इस प्रस्ताव में वास्तव में कुछ नहीं था; दूसरे, इसका समय ऐसा था कि ठीक उसी क्षण, जब आगे बढ़ने का सबसे अच्छा रास्ता यह देखना है कि हम बंधकों के बारे में किसी समझौते पर कैसे पहुंच सकते हैं, तो ऐसे में जो कुछ भी किसी तरह से इस प्रयास को कमज़ोर कर सकता है, भ्रमित कर सकता है, बाधित कर सकता है, वो उस लक्ष्य के लिए बिल्कुल प्रतिकूल है जो हर कोई जो हासिल करना चाहता है।

अब, लोग क्या हासिल करना चाहते हैं इसकी बात करें, तो वास्तव में हम सभी के लक्ष्य समान हैं। हर कोई जल्द से जल्द इस विवाद का अंत देखना चाहता है। हर कोई गाज़ा में बच्चों, महिलाओं और पुरुषों की पीड़ा का अंत देखना चाहता है – इतने सारे निर्दोष लोग, जिन्होंने इतनी भयानक पीड़ा झेली है और झेल रहे हैं, जो हमास के बनाए गोलीबारी के इस माहौल में फंस गए हैं। हम सभी संघर्ष के अंत को यथाशीघ्र देखना चाहते हैं। और मुझे लगता है कि हम सभी गाज़ा संघर्ष के बाद वास्तव में आगे टिकाऊ, स्थायी शांति का रास्ता देखने के बारे में एकमत हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इज़रायलियों के लिए ऐसा फिर कभी न हो और फ़लस्तीनियों के लिए भी ऐसा दोबारा न हो। तो हम इस बात पर एकजुट हैं।

और फिर से, कतिपय पहलुओं की बात करें, तो हर कोई बंधक समझौते पर पहुंचने की कोशिश का समर्थन करता है। हर कोई संघर्ष में एक विस्तारित मानवीय विराम का समर्थन करता है ताकि उस समझौते को आगे बढ़ाया जा सके, साथ ही मानवीय सहायता में नाटकीय रूप से वृद्धि की जा सके। हर कोई संघर्ष समाप्ति का रास्ता खोजने और टिकाऊ समाधान के लिए इस रास्ते पर आगे बढ़ने का समर्थन करता है।

इसलिए मुझे इसमें काफी समानताएं मिलीं। बेशक, रणनीति पर मतभेद हो सकते हैं, और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर मतभेद हो सकते हैं। लेकिन अगर हम वास्तव में परिणाम प्राप्त करने पर, परिवर्तन पर, बदलाव लाने पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, तो हमें लगता है कि हम जिस पहलू पर ज़ोर दे रहे हैं वह ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका है।

सहायता पहुंचाने के संदर्भ में, मैं आपको जो बता सकता हूं वह ये है: दो बातें चुनौती जैसी हैं। पहली बात, वास्तव में गाज़ा तक सहायता पहुंचाना, और ये ऐसा उद्देश्य है जिस पर हमने पिछले चार महीनों में प्रतिदिन काम किया है। और बीते दिनों में, हम सबसे पहले, सहायता पहुंचाना संभव करने के लिए सीमा मार्ग खोलने में सक्षम हुए। यह हमारी गहन सहभागिता और कूटनीति का परिणाम था। फिर उन स्थानों का विस्तार करना जहां होकर सहायता जा रही थी, साथ ही सहायता की मात्रा को भी बढ़ाना – इन सब के लिए बहुत अधिक और निरंतर काम करना पड़ा है।

लेकिन यह भी सही है कि इस राह में हर कदम पर हमें बाधाओं का सामना करना पड़ा है; हमारा बाधाओं से सामना होता रहता है, और हम वस्तुतः हर दिन उनसे निपट रहे हैं। फिर एक बार जब सहायता गाज़ा के अंदर पहुंच जाती है, तो उतना भर ही पर्याप्त नहीं होता, क्योंकि इसे वास्तव में ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचाना होता है। और वहां भी, कई बाधाएं हैं जिन पर हम हर दिन काम करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि राहत काफ़िले इस तरह से आगे बढ़ सकें कि उनका संचालन करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। और इसका अर्थ है संघर्ष में ठहराव, इसका अर्थ है समन्वय, और वो अपर्याप्त रहा है। इसलिए हम इसे बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं, साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए भी – जैसा कि आपने बताया – कि सहायता न केवल गाज़ा के संपूर्ण दक्षिणी भाग के लोगों को मिले, बल्कि वास्तव में बहुत सारे वैसे लोगों को मिले, जिन्हें इसकी ज़रूरत है, और जो उत्तरी हिस्से में रह गए हैं – लगभग 3,50,000 लोग जो वादी गाज़ा के उत्तर में रहते हैं।

तो मैं आपको जो बता सकता हूं वो ये है: हम सहायता के लिए हमारे अपने दूत, राजदूत डेविड सैटरफ़ील्ड और उनकी टीम के माध्यम से, वस्तुत: रोज़ इस पर काम कर रहे हैं; साथ ही, उन प्रयासों के माध्यम से जो मैं और सरकार में कई अन्य लोग कर रहे हैं, संयुक्तराष्ट्र के विभिन्न संस्थानों के साथ तालमेल करना, इज़रायली सरकार के साथ, मिस्रियों के साथ, जॉर्डनियों के साथ समन्वय करना।

हालांकि, लब्बोलुआब यह है: अधिक स्थानों तक पहुंचने के लिए, अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए हमें अधिक सहायता की आवश्यकता है। यह मुख्य बात है, और हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम ऐसा कर सकें।

प्रश्न:  (अस्पष्ट)?

विदेश मंत्री ब्लिंकन: हर दिन हम प्रयासरत रहते हैं। जब कोई समस्या खड़ी होती है, तो हम उससे निपटते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि पर्याप्त समाधान हो। तो आप इससे मुद्दा दर मुद्दा, बाधा दर बाधा निपट सकते हैं। वैसे हमने ये देखा है कि जब हमने सामने आई कोई समस्या उठाई है, तो हां, आमतौर पर, इज़रायलियों ने उसके समाधान में भागीदारी की है। लेकिन हम अभी भी ऐसी स्थिति में हैं जहां, फिर से कहना चाहूंगा, कि सर्वप्रथम पर्याप्त मात्रा में सहायता पहुंच नहीं रही है, और एक बार पहुंच गई, तो यह प्रभावी रूप से उन सभी तक नहीं पहुंच पा रही है जिन्हें इसकी आवश्यकता है। इस पर ध्यान देना होगा।

श्री पटेल: आखिरी प्रश्न – कैमिला ज़ैरर, फ़ोल्हा डि साओ पालो से।

प्रश्न:  नमस्ते, विदेश मंत्री महोदय। जी20 चांसलर्स रीयूनियन से पहले, रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने यूक्रेन में युद्ध जैसे मुद्दों के समाधान के लिए जी20 के राजनीतिकरण की आलोचना की थी। आप इस कथन को किस प्रकार देखते हैं? और क्या आपने जी20 बैठक के दौरान या कल रात रात्रिभोज में श्री लावरोव के साथ कोई बातचीत की है?

विदेश मंत्री ब्लिंकन:  धन्यवाद।  प्रश्न का दूसरा भाग पहले। मेरी विदेश मंत्री लावरोव के साथ कोई सीधी बातचीत नहीं हुई, लेकिन हमने निश्चित रूप से – देखिए, मैंने उन्हें बैठकों में बोलते हुए सुना है और मुझे लगता है कि उन्होंने मुझे बोलते हुए सुना है, और कई अन्य लोगों को भी।

दूसरा, जी20 के तथाकथित राजनीतिकरण के संदर्भ में, मुझे लगता है कि विदेश मंत्री विएरा और कई अन्य सहयोगियों ने स्वयं इसे बहुत प्रभावी ढंग से संबोधित किया है। यदि हम शांति और सुरक्षा के मुद्दों से निपटने में सक्षम नहीं हैं, तो जी20 के माध्यम से हम जो हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं उसे पाना असंभव नहीं तो कम से कम बहुत कठिन ज़रूर हो जाएगा। यदि आपके सामने संघर्ष है, यदि आपके सामने असुरक्षा का माहौल है, तो वास्तव में खाद्य सुरक्षा पर, ऊर्जा संक्रमण पर, जलवायु परिवर्तन से निपटने, श्रमिक अधिकारों की रक्षा करने और क़ायम रखने के बारे में काम करना या तो असंभव या बहुत अधिक कठिन हो जाएगा।

इसलिए इन मुद्दों पर बात करना और शायद आगे बढ़ने के लिए सर्वसम्मत रास्ते खोजना जी20 के दायरे के भीतर आता है। मुझे लगता है कि जिन लोगों का हम प्रतिनिधित्व करते हैं वे हमसे यही अपेक्षा करते हैं। वास्तव में लगभग दुनिया भर के तमाम लोग हमसे इसी बात की उम्मीद करते हैं, क्योंकि जी20, भले ही यह दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करता है, कई मायनों में पूरे वैश्विक बहुमत का भी प्रतिनिधित्व करता है, यहां तक कि उन देशों का भी जो जी20 की मेज पर नहीं हैं, हालांकि इस सत्र में कई आमंत्रित देश भी मौजूद थे और मैं ऐसा करने के लिए ब्राज़ील की सराहना करता हूं।

इसलिए, नहीं, मैं समझता हूं ये स्पष्ट है कि यह जी20 का राजनीतिकरण नहीं है। इसके विपरीत, ये हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम एक साथ आने का प्रयास करें, उन भूराजनीतिक मुद्दों पर आगे बढ़ने का रास्ता खोजें जो विभाजनकारी हो सकते हैं, क्योंकि अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो शेष एजेंडे को हासिल करना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा।

श्री पटेल:  सभी का शुक्रिया।

विदेश मंत्री ब्लिंकन: धन्यवाद।

श्री पटेल: धन्यवाद।


मूल स्रोत: https://www.state.gov/secretary-antony-j-blinken-at-a-press-availability-47/

अस्वीकरण: यह अनुवाद शिष्टाचार के रूप में प्रदान किया गया है और केवल मूल अंग्रेज़ी स्रोत को ही आधिकारिक माना जाना चाहिए।

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