व्हाइट हाउस
अक्टूबर 18, 2023

तेल अवीव, इज़रायल
अपराह्न 5:06 आईडीटी

राष्ट्रपति: नमस्कार। कृपया बैठ जाइए। मैं एक ही संदेश लेकर इज़रायल आया हूं: आप अकेले नहीं हैं। आप बिल्कुल अकेले नहीं हैं।

जब तक अमेरिका साथ खड़ा है – और हम हमेशा खड़े रहेंगे – हम आपको कभी भी अकेला नहीं होने देंगे।

सबसे महत्वपूर्ण बात, मैं जानता हूं कि हाल ही में हुए आतंकवादी हमले ने इस देश के लोगों के दिलों में एक गहरा घाव किया है।

आतंकवादी गुट हमास ने कम से कम 31 अमेरिकी नागरिकों सहित 1,300 से अधिक निर्दोष इज़रायलियों की हत्या कर दी।

एक संगीत समारोह – यह उत्सव शांति के लिए था – में सैकड़ों युवाओं को गोलियों से भून दिया गया, जब वे अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे।

सैकड़ों निर्दोषों को – शिशुओं से लेकर बुज़ुर्ग दादा-दादियों तक, इज़रायलियों और अमेरिकियों को –  बंधक बना लिया गया।

बच्चों को क़त्ल किया गया। शिशुओं को क़त्ल किया गया। पूरे के पूरे परिवारों का नरसंहार किया गया।

बलात्कार किए गए, सिर कलम किए गए, लोगों को ज़िंदा जलाया गया।

हमास ने ऐसे अत्याचार किए जो आइसिस के सबसे भयानक कृत्यों की याद दिलाते हैं, उसने दुनिया पर विशुद्ध दुष्टता थोपी है।

इसे कहीं से सही नहीं ठहराया जा सकता, इसकी कोई वजह नहीं हो सकती। बिल्कुल नहीं।

हमने जो क्रूरता देखी, वह दुनिया में कहीं भी पीड़ादायक होती, लेकिन यहां इज़रायल में इसने कहीं गहरी चोट पहुंचाई है।

7 अक्टूबर, जो एक पवित्र यहूदी त्योहार का दिन था, होलोकॉस्ट के बाद से यहूदी लोगों के लिए सबसे घातक दिन बन गया। इसने सहस्राब्दियों की यहूदी विरोधी भावना और यहूदी लोगों के जनसंहार से बनी दर्दनाक यादों और घावों को ताज़ा कर दिया है।

तब दुनिया देखती रही थी, सब जानते हुए दुनिया ने कुछ नहीं किया था। दोबारा हम हाथ बांधकर मूकदर्शक बने खड़े नहीं रहेंगे। आज नहीं, कल नहीं, कभी नहीं।

उन लोगों से जो अपने प्रियजनों की नियति के बारे में जानने के लिए बेचैनी से इंतज़ार कर रहे हैं, विशेष रूप से बंधकों के परिवारों से, मैं कहना चाहूंगा: आप अकेले नहीं हैं।

हम पूरे क्षेत्र में साझेदारों के साथ काम कर रहे हैं, हमास द्वारा बंदी बनाए गए लोगों को घर लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

मैं सभी विवरणों की सार्वजनिक चर्चा नहीं कर सकता, लेकिन मैं आपको आश्वस्त करना चाहूंगा: अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में मेरे लिए इन सभी बंधकों की रिहाई और सुरक्षित वापसी से बढ़कर कोई प्राथमिकता नहीं है।

उन लोगों से जो बच्चे, माता-पिता, जीवनसाथी, भाई-बहन, या दोस्त के लिए शोकाकुल हैं, मैं कहना चाहूंगा – मुझे पता है कि आपको अपने सीने में एक शून्य बनने का अहसास हो रहा होगा। आपको ऐसा लगता होगा कि आप उस शून्य में समाए जा रहे हैं।

हादसे में बच जाने का पश्चाताप, क्रोध, और आपके अंतर्मन में आस्था का सवाल।

खाली कुर्सी को घूरना, शोक की अवधि गुजारना। प्रियजनों के बिना पहला सब्त बिताना।

ये रोज़मर्रा की चीज़ें हैं, छोटी-छोटी बातें, जिनमें वे सर्वाधिक याद आते हैं।

जब आप अलमारी का दरवाज़ा खोलते हैं तो बाहर आती महक। सुबह की कॉफ़ी जो आपने साथ बैठकर पी थी।

उसकी वो खास मुस्कुराहट, उसके हंसने का वो अंदाज़, आपके छोटे से बच्चे की खिलखिलाहट।

जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके लिए मैं यही कहूंगा: उन्हें पूर्णतया भूलना संभव नहीं। एक ऐसा अहसास है जो कभी पूर्णतया गायब नहीं होता: उनके लिए आपका प्यार और आपके लिए उनका प्यार।

और मैं आपसे वादा करता हूं, आप किसी दिन टहल रहे होंगे और कहेंगे, “वह मुझसे क्या करवाना चाहता या चाहती?” जब आप किसी ऐसी जगह से गुजरेंगे जो आपको उनकी याद दिलाती है तो आप मुस्कुराएंगे। तभी आपको अहसास होता है – जब आपकी आंखों में आंसू आने से पहले आपके होठों पर मुस्कान आती है – तभी आपको अहसास होता है कि आप इस परिस्थिति को पूर्णतया संभाल लेंगे।

ऐसे ही अहसास आपको सर्वाधिक अंधेरे पलों में प्रकाश ढूंढने की शक्ति देते हैं, जब आतंकवादियों ने आपको झुकाने, आपकी इच्छाशक्ति को कमज़ोर करने, आपके संकल्प को तोड़ने की सोची थी। लेकिन वे ऐसा कभी नहीं कर सके, और वे कभी ऐसा नहीं कर पाएंगे।

इसके बजाय, हमें एक-दूसरे को सहारा देते इज़रायलियों की वीरता और साहस के असाधारण उदाहरण देखने को मिले।

स्थानीय समुदाय अपने किबुत्ज़ की सुरक्षा के लिए निगरानी समूह बना रहे हैं, हमले के प्रभावितों को अपने घरों में आश्रय दे रहे हैं।

सेवानिवृत्त सैनिकों ने एक बार फिर आगे बढ़कर खतरों का सामना किया।

असैन्य चिकित्साकर्मियों ने बचाव अभियान चलाया। और संगीत समारोह में ऑफ़-ड्यूटी चिकित्साकर्मियों ने खुद हमले का शिकार बनने से पहले घायलों का उपचार किया।

स्वयंसेवक ने मृतकों के शवों को उठाने की ज़िम्मेदारी निभाई ताकि परिवार अपने प्रियजनों को यहूदी परंपरा के अनुसार दफना सकें।

रिज़र्विस्ट बिना किसी हिचकिचाहट के अपने परिवार, अपने हनीमून, विदेश में अपनी पढ़ाई को छोड़कर आ गए।

इस तरह के ढेर सारे उदाहरण और हैं।

इज़रायल की स्थापना दुनिया के यहूदी लोगों के वास्ते एक सुरक्षित स्थान निर्मित करने के लिए हुई थी। इसीलिए इसका सृजन हुआ। मैंने बहुत पहले कहा था: यदि इज़रायल अस्तित्व में नहीं होता, तो हमें इसका निर्माण करना पड़ता।

और हालांकि आज ऐसा महसूस नहीं हो सकता, इज़रायल को दोबारा यहूदी लोगों के लिए एक सुरक्षित स्थान बनना होगा। और मैं आपसे वादा करता हूं: ऐसा हो, ये सुनिश्चित करने के लिए हम जो कुछ भी कर सकते हैं वो सब कुछ करने जा रहे हैं।

पचहत्तर साल पहले, इसकी स्थापना के केवल 11 मिनट बाद, राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन के नेतृत्व में अमेरिका इज़रायल को मान्यता देने वाला पहला राष्ट्र बना था। हम तब से आपके पक्ष में खड़े हैं, और हम अब भी आपके पक्ष में खड़े रहेंगे।

मेरा प्रशासन इस हमले के शुरुआती क्षणों से ही आपके नेतृत्व के साथ निकट संपर्क में है, और हम यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि आपके पास वो सब कुछ हो जो आपको अपने लोगों की रक्षा के लिए, अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए चाहिए।

दशकों से, हमने इज़रायल की गुणात्मक सैन्य बढ़त सुनिश्चित की है। और इसी सप्ताह, मैं अमेरिकी कांग्रेस से इज़रायल की रक्षा के लिए एक अभूतपूर्व सहायता पैकेज की मांग करने जा रहा हूं।

हम आयरन डोम के साज़ोसामान की अबाध आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं ताकि यह इज़रायली आसमान में प्रहरी बनकर खड़ा रह सके और इज़रायली लोगों की जान बचा सके।

हमने इस क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य साज़ोसामान तैनात कर दिए हैं, जिनमें पूर्वी भूमध्य सागर में यूएसएस फ़ोर्ड कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की तैनाती शामिल है, जबकि यूएसएस आइज़नहावर रास्ते में है। ये सब इज़रायल के खिलाफ़ आगे की आक्रामकता और इस संघर्ष को फैलने से रोकने के लिए किया गया है।

दुनिया को पता चल जाएगा कि इज़रायल पहले से कहीं ज्यादा मज़बूत है।

और इज़रायल पर हमला करने के बारे में सोचने वाले किसी भी राष्ट्र या किसी अन्य दुश्मन पक्ष के लिए मेरा संदेश वही है जो एक सप्ताह पहले था: मत करना। नहीं। बिल्कुल नहीं।

इस आतंकवादी हमले के बाद से हमने इसे इज़रायल का 9/11 बताया जाते देखा है। लेकिन इज़रायल जैसे आकार वाले राष्ट्र के लिए, यह 9/11 से 15 गुना बड़ा था। पैमाने अलग हो सकते हैं, लेकिन निस्संदेह इन भयावह हमलों ने इज़रायल में बुनियादी भावनाओं का वैसा ही ज्वार पैदा किया है, जैसा कि अमेरिका में देखा और महसूस किया गया था।

सदमा, दर्द, क्रोध – सब कुछ निगल जाने वाला क्रोध। मैं इसे समझता हूं, और बहुत से अन्य अमेरिकी भी समझते हैं।

यह देखते हुए कि आपकी माताओं, आपके पिताओं, आपके दादा-दादियों, बेटों, बेटियों, बच्चों, यहां तक ​​कि शिशुओं के साथ यहां क्या हुआ है, आप न्याय की आवाज़ उठाने से पीछे नहीं हट सकते। न्याय अवश्य होना चाहिए।

लेकिन मैं आगाह करना चाहता हूं: आप ज़रूर गुस्सा करें, लेकिन उसे अपने पर हावी नहीं होने दें।

9/11 के बाद, अमेरिका में हम भी बहुत क्रोधित थे। और हमने न्याय के लिए आवाज़ उठाई और हमें न्याय मिला भी, लेकिन हमने गलतियां भी कीं।

मैं युद्ध के समय इज़रायल का दौरा करने वाला पहला अमेरिकी राष्ट्रपति हूं।

मैंने युद्धकालीन निर्णय लिए हैं। मैं जानता हूं कि नेतृत्व के लिए विकल्प कभी भी स्पष्ट या आसान नहीं होते। हमेशा क़ीमत चुकानी होती है।

लेकिन इसके लिए विचारशील होने की आवश्यकता है। इसके लिए बहुत कठिन प्रश्न पूछने की आवश्यकता होती है। इसके लिए उद्देश्यों के बारे में स्पष्टता और एक ईमानदार मूल्यांकन की आवश्यकता होती है कि आप जिस रास्ते पर हैं उससे वे उद्देश्य प्राप्त होंगे या नहीं।

अधिकांश फ़लस्तीनी हमास के नहीं हैं। हमास फ़लस्तीनी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।

हमास अपने कमांड सेंटर, अपने हथियार, अपने संचार सुरंगों को आवासीय क्षेत्रों में रखकर गाज़ा के निर्दोष परिवारों को मानव ढाल के रूप में उपयोग करता है।

फ़लस्तीनी लोग भी बहुत पीड़ित हैं। हम निर्दोष फ़लस्तीनी लोगों की मौत का शोक मनाते हैं। पूरी दुनिया की तरह, मैं भी कल गाज़ा के अस्पताल में हुई भारी जनहानि से क्षुब्ध और दुखी हूं।

अब तक हमने जो जानकारी देखी है, उसके आधार पर यह गाज़ा में एक आतंकवादी गुट द्वारा दागे गए एक रॉकेट में गड़बड़ी का परिणाम प्रतीत होता है।

अमेरिका निस्संदेह संघर्ष के दौरान नागरिक जीवन की सुरक्षा का पक्षधर है, और मैं दुखी हूं – मैं वास्तव में उन परिवारों के लिए दुखी हूं जिनके परिजन इस त्रासदी में मारे गए या घायल हुए हैं।

गाज़ा के लोगों को भोजन, पानी, दवा, आश्रय की ज़रूरत है।

आज, मैंने इज़रायली कैबिनेट से – जिससे मेरी आज सुबह कुछ देर के लिए मुलाक़ात हुई – गाज़ा में नागरिकों के लिए जीवनरक्षक मानवीय सहायता की आपूर्ति पर सहमत होने के लिए कहा। इस समझ के आधार पर कि सामग्रियों का निरीक्षण किया जाएगा और सहायता हमास को नहीं, बल्कि आम नागरिकों को मिले, इज़रायल इस बात पर सहमत हुआ कि मिस्र से गाज़ा के लिए मानवीय सहायता भेजी जा सकती है।

मैं स्पष्ट कर दूं: यदि हमास सहायता का गंतव्य बदलता है या उसे चुराता है, तो वो एक बार फिर साबित कर रहा होगा कि उसे फ़लस्तीनी लोगों के कल्याण की कोई चिंता नहीं है और आपूर्ति रुक जाएगी। व्यावहारिक तौर पर देखें तो, ऐसी हरकत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सहायता देने से रोक देगी।

हम मिस्र सरकार, संयुक्तराष्ट्र और उसकी एजेंसियों, जैसे विश्व खाद्य कार्यक्रम, और क्षेत्र के अन्य साझेदारों के साथ घनिष्ठता से काम कर रहे हैं; ताकि जल्द से जल्द ट्रकों को सीमा पार भेजा सके।

साथ ही, मैंने इज़राइल से कहा कि वैश्विक समुदाय की मांग है कि अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस बंधकों से मिलने में सक्षम हो। यह एक उचित मांग है जिसका अमेरिका पूरी तरह से समर्थन करता है।

इसके अलावा, मैं गाज़ा और वेस्ट बैंक दोनों ही जगहों में मानवीय सहायता के लिए 100 मिलियन डॉलर की नई अमेरिकी फ़ंडिंग की भी घोषणा कर रहा हूं। यह धन गाज़ा में आपातकालीन ज़रूरतों को पूरा करने के साथ-साथ एक मिलियन से अधिक विस्थापित और संघर्ष प्रभावित फ़लस्तीनियों का समर्थन करेगा।

आप एक यहूदी राष्ट्र हैं, लेकिन आप एक लोकतंत्र भी हैं। और अमेरिका की तरह ही, आप आतंकवादियों के क़ायदे पर नहीं चलते। आप क़ानून के शासन का अनुपालन करते हैं। और जब संघर्ष भड़कते हैं, तो आप युद्ध के नियमों के अनुसार कार्रवाई करते हैं।

जो बात हमें आतंकवादियों से अलग करती है वह यह है कि हम प्रत्येक मानव ज़िंदगी की मौलिक गरिमा में विश्वास करते हैं – इज़रायली, फ़लस्तीनी, अरब, यहूदी, मुस्लिम, ईसाई – हर किसी की।

आप वो सब नहीं छोड़ सकते जो आपकी बुनियादी पहचान बनाते हैं। यदि आप उन्हें छोड़ते हैं, तो ये आतंकवादियों की जीत होगी। और हम उन्हें कभी जीतने नहीं दे सकते।

आप जानते हैं, इज़रायल एक चमत्कार है – असंभव दर्द और क्षति पर विश्वास, संकल्प और दृढ़ता की विजय।

7 अक्टूबर के बारे में सोचें – यहूदी त्योहार जब आप मूसा की मृत्यु के बारे में पढ़ते हैं। पूरे राष्ट्र के लिए एक गहरी क्षति की दुखद कहानी। एक ऐसी मौत जो पूरे राष्ट्र के लोगों के दिलों में एक असहाय निराशा का भाव डाल सकती थी।

लेकिन यद्यपि मूसा की मृत्यु हो गई, उनकी स्मृति, उनका संदेश, उनके सबक यहूदी लोगों की पीढ़ियों के साथ-साथ तमाम अन्य लोगों के लिए क़ायम हैं – और ठीक उसी तरह आपके प्रियजनों की स्मृति भी क़ायम रहेगी।

मूसा की मृत्यु की कहानी पढ़ने के बाद, जो लोग त्योहार मनाते हैं वे टोरा को बिल्कुल शुरू से पढ़ना शुरू करते हैं। सृष्टि की कहानी हमें दो बातें याद दिलाती है। पहला, जब हम हार जाते हैं तो हम फिर से खड़े हो जाते हैं और नई शुरुआत करते हैं। और दूसरा, जब हम त्रासदी और क्षति का सामना करते हैं, तो हमें अपनी शुरुआत में वापस जाना चाहिए और याद रखना चाहिए कि हम कौन हैं।

हम सभी गरिमा, मानवता और उद्देश्य के साथ ईश्वर के अंश के रूप में गढ़े गए इंसान हैं। अंधकार में, विश्व के लिए प्रकाश बनना ही हमारा उद्देश्य होना चाहिए।

आप दुनिया भर में बहुत से लोगों के लिए आशा और प्रकाश की प्रेरणा बनते हैं। आतंकवादी इसी को नष्ट करना चाहते हैं। यही वो चीज़ है जिसे वे नष्ट करना चाहते हैं – क्योंकि वे अंधकार में रहते हैं – लेकिन आप, इज़रायल अंधकार में नहीं हैं।

अमेरिका और इज़रायल जैसे विवेकशील राष्ट्रों को केवल उनकी ताक़त के आधार पर नहीं मापा जाता। हमें हमारी मिसाल की ताक़त से मापा जाता है।

इसीलिए, चाहे यह कितना भी कठिन क्यों न हो, हमें शांति का प्रयास करते रहना चाहिए। हमें इस रास्ते पर चलते रहना चाहिए ताकि इज़रायल और फ़लस्तीनी लोग, दोनों ही सुरक्षित रह सकें, सुरक्षा, सम्मान और शांति के साथ।

मेरे लिए, इसका मतलब है द्विराष्ट्र समाधान।

हमें अपने पड़ोसियों के साथ इज़रायल के व्यापक एकीकरण के लिए काम करते रहना चाहिए। इन हमलों ने मेरी प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प तथा इसे पूरा करने की मेरी इच्छाशक्ति को और मज़बूत किया है।

मैं यहां आपको यह बताने आया हूं कि आतंकवादी नहीं जीतेंगे। आज़ादी की जीत होगी। तो, चलिए अपनी बात वहीं समाप्त करता हूं जहां से शुरू किया था। इज़रायल, आप अकेले नहीं हो। अमेरिका आपके साथ खड़ा है।

मैंने पहले भी यह संस्मरण सुनाया था, और मैं 50 साल पहले एक युवा सीनेटर के रूप में एक इज़रायली प्रधानमंत्री के साथ अपनी पहली मुलाक़ात के बारे में फिर से बताऊंगा। मैं गोल्डा मेयर के कार्यालय में उनके सामने बैठा था। और उनके सामने ही मेरे बगल में एक लड़का बैठा था जो बाद में प्रधानमंत्री बना, और ये 1973 के योम किप्पर युद्ध से ठीक पहले की बात है।

और उन्होंने नक्शों को ऊपर-नीचे पलटते हुए मुझे बताया कि परिस्थितियां कितनी बुरी थीं, कितनी भयानक थीं। अचानक, उन्होंने मेरी ओर देखा, और कहा, “क्या आप एक तस्वीर खिंचवाना चाहेंगे?” और मैंने उनकी ओर देखा – वह अपनी मेज़ से उठीं और उस हॉलवे की ओर चल पड़ीं – शायद संगमरमर का फर्श था – हॉलवे में बाहर चली गईं।

हम बाहर निकले और हमारे सामने फोटोग्राफ़रों का एक झुंड खड़ा था। हम कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे।

मेरी ओर देखे बिना, उन्होंने मुझसे कहा, यह जानते हुए कि मैं उसकी बात सुन पा रहा होऊंगा, “आप इतने चिंतित क्यों दिख रहे हैं, सीनेटर बाइडेन?” मैंने कहा, “चिंतित? बेशक, मैं चिंतित हूं।” फिर उन्होंने मेरी ओर देखे बिना कहा, “हम चिंता नहीं करते, सीनेटर, हम इज़रायलियों के पास एक गुप्त हथियार है: हमारे पास जाने के लिए और कोई जगह नहीं है।”

ख़ैर, आज मैं पूरे इज़रायल से कहता हूं: अमेरिका भी कहीं नहीं जा रहा। हम आपके साथ खड़े रहेंगे। हम उन अंधेरे दिनों में आपके साथ होंगे, और आने वाले अच्छे दिनों में हम आपके साथ चलेंगे। और, अच्छे दिन आएंगे।

जैसा कि आप हिब्रू में कहते हैं, जिसे मैं बोलने का प्रयास नहीं करने जा रहा क्योंकि मैं भाषा के मामले में बहुत खराब हूं, मैं इसे अंग्रेजी में कहूंगा, “इज़रायल के लोग ज़िंदा हैं।” “इज़रायल के लोग ज़िंदा हैं।”

इज़रायल एक सुरक्षित, सलामत, यहूदी और लोकतांत्रिक राष्ठ रहेगा – आज, कल और सदैव।

ईश्वर उन सभी की रक्षा करें जो शांति के लिए काम करते हैं। ईश्वर उन लोगों को बचाएं जो अभी भी खतरे में हैं।

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

अपराह्न 5:22 आईडीटी


मूल स्रोत: https://www.whitehouse.gov/briefing-room/speeches-remarks/2023/10/18/remarks-by-president-biden-on-the-october-7th-terrorist-attacks-and-the-resilience-of-the-state-of-israel-and-its-people-tel-aviv-israel/

अस्वीकरण: यह अनुवाद शिष्टाचार के रूप में प्रदान किया गया है और केवल मूल अंग्रेज़ी स्रोत को ही आधिकारिक माना जाना चाहिए।

U.S. Department of State

The Lessons of 1989: Freedom and Our Future